कोंग्रेस को ,,अपने ,विधान ,अपने मूल सिद्धांत ,,परम्परागत वोटरों की तरफ ,,ज़िलों के कोंग्रेस कार्यालय में बैठकर वापसी के लिए फिर से रणनीति बनाना होगी ,,,,खुले ,,मैदान कॉरपोरेट सेक्टर ,,,,,घरो पर निजी कार्यालयों से कोंग्रेस चलाने वालों के खिलाफ अब कोंग्रेस को सख्त होकर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करना होगी ,,,पूर्व विधायक ,,मंत्री ,, ,,संसद महापौर ,,न्यास चेयरमेन ,ज़िलाप्रमुखों सहित कोंग्रेस के नाम पर ,,पदों पर रहे लोगो को अब ,,नियमित कोंग्रेस कार्यालय में बैठकर कार्यकर्ताओं से जुड़ने की पाबन्दी लगाना होगी ,,,,,,पूर्व विधायक ,,पूर्व सांसद ,,पूर्व मंत्रियो सहित प्रभावशाली लोगो की जेब से ,,कोंग्रेस ज़िला इकाइयों को बाहर निकालकर ,,उन्हें स्वतन्त्र करना होगा ,,,उनकी जवाबदारी सिर्फ प्रदेश अध्यक्ष ,,राष्ट्रीय अध्यक्ष तक सीमित रखकर ,,बाक़ी सभी को उनके नियंत्रण में लाना होगा ,,,कोंग्रेस के विधि विधान के तहत गठित प्रकोष्ठो ,,विभागों के अलावा ,,कुछ कथित कोंग्रेसियों द्वारा जो समानांतर कोंग्रेस गठित कर ,,नेताओं ,,कार्यकर्ताओं को भृमित करने की जो कोशिशें की है उनसे अब सख्ती से निपटना होगा ,,,हर पखवाड़े में कोंग्रेस के ज़िलापदाधिकारियों की बैठक में ,,रजिस्टर में हाज़री लगवाकर बैठक लेना होगी ,,ताकि कोंग्रेस और कोंग्रेस के पदों पर वही रहे जो सक्रिय और कोंग्रेस कार्यालयः के प्रति समर्पित है ,वरना भाईसाहबो के लोग और कोंग्रेस कार्यालय से विमुख रहने वाले लोगो की अब कोंग्रेस में कोई जगह नहीं होना चाहिए ,,,अख्तर
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