तुम्हारे साथ
गुज़ारा हर लम्हा
मेरी रूह
मेरी धड़कनो में
समाया हुआ है ,,
तुम ज़िद पर
अड़े भी रहो ,,
तो भी क्या ,,
तुम नहीं तो नहीं
हम तो
तुम्हारी यादों के सहारे
यूँ ही
गुज़ारा कर लेंगे ,,अख्तर
गुज़ारा हर लम्हा
मेरी रूह
मेरी धड़कनो में
समाया हुआ है ,,
तुम ज़िद पर
अड़े भी रहो ,,
तो भी क्या ,,
तुम नहीं तो नहीं
हम तो
तुम्हारी यादों के सहारे
यूँ ही
गुज़ारा कर लेंगे ,,अख्तर
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