बिटिया सदफ ने ,,आज पापा की लापरवाही का कुछ इस तरह उढाया मज़ाक़ ,,,,मेरी
शरीक ऐ हयात ,,सुबह बाहर थी ,,कल तो में लापरवाही में ,,अदालत जाते वक़्त
अपना मोबाइल रोज़ की तरह ,,,चार्जिंग पर ही भूल गया ,,,क्योंकि हर बार
,,शरीक ऐ हयात ही ,,इस मामले में जाते वक़्त याद दिलाती रहे है ,,आज फिर
,,शरीक ऐ हयात ,,बाहर थी ,,,बिटिया सदफ घर पर अकेली थी ,,शरीक ऐ हयात ने
रोज़ की तरह अदालत की यूनिफॉर्म ,,बाहर निकाल दी थी ,,,मेने खाना खाया
,,,कपड़े चेंज किये ,,,चेंज किये कपड़े ,,धुलने डाल दिए ,,शरीक ऐ हयात नहीं
थी तो ज़ाहिर है ,, जेबें खाली किये बगेर ,,,पेंट धुलने डाल दी ,,बिटिया के
सामने बाई आयी ,,पेंट भिगो कर जब धोने की शुरुआत की ,,तो ईमानदार बाई ने
,,बिटिया सदफ को ,जेब में रखे रुपयो के बारे में जानकारी दी ,,बिटिया ने
भीगे हुए रूपये जेब से निकाले ,,डबल बेड पर गीले नोटों को चादर पर रखकर
,,सुखाने के लिए रख दिए ,,लेकिन उसे पापा को लापरवाही का सबक़ सिखाने के लिए
एक मासूम शरारत की ,,नोटों के फोटो खेंचे और बस ,,पापा को वॉट्सएप्प कर
दिए ,,पापा ने जेब में हाथ डाला ,,तो जेब खुल्लाञ्च थी ,,लेकिन सब्र इस बात
का था ,,के महनत की कमाई थी ,,जो सुरक्षित थी ,,,घर पहुंचते ही ,,पापा की
शरारत करने वाली बिटिया ने ,,सारे रूपये ,,शरारत भरी मुस्कुराहट के साथ
,पापा को कुछ इस अंदाज़ में दिए ,,,मानो वोह कह रही हो ,,पापा प्लीज़ ,,अब
लापरवाही छोड़ दो ,,लेकिन जब ख्याल रखने वाली शरीक ऐ हयात है ,,लापरवाही को
ढकने वाली बिटिया और घर में ईमानदार बाई है तो फिर ,,हम क्यों सुधरे
,,अख्तर
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