आप है गधे साहिब ,,,,,
;" | वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: एनिमेलिया
संघ: कॉर्डेटा
वर्ग: स्तनधारी
गण: पेरिसोडैक्टिल
कुल: इक़्वीडेई
वंश: इक़्वस
उपवंश: ऐसिनस
जाति: इ. अफ्रीकैनुस
उपजाति: इ. अफ्रीकैनुस ऐसीनस
त्रिपद नाम
इक़्वस अफ्रीकैनुस ऐसीनस
गधा (Equus africanus asinus) अश्व परिवार का पशु है। कई देशों में इसे बोझा ढोने के काम लाया जाता है। गधे को अधिकतर धोबी और कुम्हार वर्ग के लोगों द्वारा पाला जाता है।यह जीव गजब का सहन् शील प्राणी है।इसके चेहरे का भाव एक सा बना रहता ह्ए। ह्रर्र्ष विसाद दोनों में एक सा दिखाई देता है।
परिचय
गधा घोड़े की प्रजाति की एक उपजाति 'एसिनस वर्ग' का पशु है। इस वर्ग के अनेक पशु हैं पर 'गधे' से अभिप्राय इस वर्ग के उस पशु से समझा जाता है जिसे लोग पालते हैं और सामान ढोने का काम लेते है। यह आकार में घोड़े से छोटा होता है, कान लंबे होते हैं, पूँछ का आकार और रंग घोड़े से सर्वथा भिन्न होता है। यह पशु अपनी मंद बुद्धि और हठीलेपन के लिए प्रख्यात है। भारतवर्ष में इसका प्राचीनतम उल्लेख वैदिक साहित्य में मिलता है (ऋग्वेद 3.53.23; ऐतरेय ब्राह्मण 4.9; तैत्तिरीय संहिता 5.1.2.1)। आजकल इसका प्रयोग मुख्यत: धोबियों द्वारा कपड़ों को घाट से लाने और ले जाने के लिए होता है।
नाम का उपयोग
कुछ संस्कृतियों में किसी मूर्ख व्यक्ति को भी गधा कहा जाता है। गधे के बारे में बहुत कहावतें भी प्रचलित हैं, जैसे : "धोबी का गधा, न घर का, न घाट का", "गधे के सिर से सींग की तरह गायब होना"। गधे की दुलत्ती प्रसिद्ध है।
;" | वैज्ञानिक वर्गीकरण
जगत: एनिमेलिया
संघ: कॉर्डेटा
वर्ग: स्तनधारी
गण: पेरिसोडैक्टिल
कुल: इक़्वीडेई
वंश: इक़्वस
उपवंश: ऐसिनस
जाति: इ. अफ्रीकैनुस
उपजाति: इ. अफ्रीकैनुस ऐसीनस
त्रिपद नाम
इक़्वस अफ्रीकैनुस ऐसीनस
गधा (Equus africanus asinus) अश्व परिवार का पशु है। कई देशों में इसे बोझा ढोने के काम लाया जाता है। गधे को अधिकतर धोबी और कुम्हार वर्ग के लोगों द्वारा पाला जाता है।यह जीव गजब का सहन् शील प्राणी है।इसके चेहरे का भाव एक सा बना रहता ह्ए। ह्रर्र्ष विसाद दोनों में एक सा दिखाई देता है।
परिचय
गधा घोड़े की प्रजाति की एक उपजाति 'एसिनस वर्ग' का पशु है। इस वर्ग के अनेक पशु हैं पर 'गधे' से अभिप्राय इस वर्ग के उस पशु से समझा जाता है जिसे लोग पालते हैं और सामान ढोने का काम लेते है। यह आकार में घोड़े से छोटा होता है, कान लंबे होते हैं, पूँछ का आकार और रंग घोड़े से सर्वथा भिन्न होता है। यह पशु अपनी मंद बुद्धि और हठीलेपन के लिए प्रख्यात है। भारतवर्ष में इसका प्राचीनतम उल्लेख वैदिक साहित्य में मिलता है (ऋग्वेद 3.53.23; ऐतरेय ब्राह्मण 4.9; तैत्तिरीय संहिता 5.1.2.1)। आजकल इसका प्रयोग मुख्यत: धोबियों द्वारा कपड़ों को घाट से लाने और ले जाने के लिए होता है।
नाम का उपयोग
कुछ संस्कृतियों में किसी मूर्ख व्यक्ति को भी गधा कहा जाता है। गधे के बारे में बहुत कहावतें भी प्रचलित हैं, जैसे : "धोबी का गधा, न घर का, न घाट का", "गधे के सिर से सींग की तरह गायब होना"। गधे की दुलत्ती प्रसिद्ध है।
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