हाथों में तुम्हारे
खेलता था खिलौना सा
जो एक शख्स ,,
तुम्हारी ज़रा सी ज़िद ने
इस खिलोने को
ज़मीन पर पटक दिया
यूँ बेरहमी से तोड़कर ,,अख्तर
खेलता था खिलौना सा
जो एक शख्स ,,
तुम्हारी ज़रा सी ज़िद ने
इस खिलोने को
ज़मीन पर पटक दिया
यूँ बेरहमी से तोड़कर ,,अख्तर
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