अदालतों में सिविल मामलों की सुनवाई के दौरान ,,सिविल प्रक्रिया संहिता के
आदेश 18 नियम 4 के प्रावधान के तहत ,,कमिश्नर पर बयान रिकॉर्ड कर ,,,तीन सो
रूपये ,,,गवाह लाने वाले पक्षकार से दिलवाने के खिलाफ मेने प्रधानमंत्री
सहित सभी प्राधिकृत अधिकारियो को पत्र लिखकर यह भुगतान विधिक सेवा समिति से
सरकारी खर्च पर दिलवाने की मांग उठाई है ,,पक्षकार जब न्यायशुल्क दे चुका
है तो उससे यह खर्च नहीं लेकर सरकार को ही यह खर्च देना चाहिए ,,अधीनस्थ
न्यायलयों में मुक़दमों के अम्बार है जबकि स्टाफ की कमी है इसकारण स्टाफ के
नहीं होने से कमिश्नर पर यह बयान लेना मजबूरी है ,,ऐसे में सरकार अगर
अधीनस्थ न्यायालयों में कर्मचारियों की अस्थाई नियुक्ति कर दे तो भी यह
व्यवस्था सुचारू हो सकती है ,,इस मामले में देखे सरकार और पक्षकारो के
अधिकार संरक्षण की संस्थाए क्या क़दम उठाती है देखते है ,,,अख्तर
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