आपका-अख्तर खान

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03 फ़रवरी 2017

अशोक कालरा एडवोकेट जो अपने भाषण से उपस्थित लोगों की सोच ,,उपस्थित लोगों का माहोल बदलने का चमत्कारिक हुनर रखते है ,,,


,, आप मालिक है ,,विनम्रता के साथ झुका हुआ सर ,,जुड़े हुए हाथ ,,लेकिन एक बढ़ी ताक़त ,,एक बढ़ी हिम्मत ,,एक बढ़ा हौसला ,,भाई एडवोकेट अशोक कालरा ,,,कोटा के ही नहीं ,,राजस्थान के ही नहीं अपितु सम्पूर्ण भारत के प्रमुख वक्ताओं में से एक ,,,अशोक कालरा एडवोकेट जो अपने भाषण से उपस्थित लोगों की सोच ,,उपस्थित लोगों का माहोल,,, बदलने का चमत्कारिक हुनर रखते है ,,,,,,वरिष्ठ एडवोकेट अशोक कालरा ,,,,छात्र राजनीति के मुखर ,,जुझारू ,,संघर्षशील हस्ताक्षर होने से ,,,छात्रो में आज भी अपना क्रेज रखते है ,,,अशोक कालरा ,,,,कोटा की छात्र राजनीति के मुखर,,, स्वाभिमानी आंदोलनकारी रहे है ,,,,,छात्र जीवन में ,,,,अशोक कालरा ,,,अकेले ऐसे छात्र नेता थे ,,,जो केवल मुद्दों की बात करते थे ,,ईमानदारी और संघर्ष की बात करते थे ,,,इनके कार्यकाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ आन्दोलन चले ,,दफ्तरों में कर्मचारियों और अधिकारीयों की उपस्थिति,,, समय पर नियत करने के लिए ,,आन्दोलन चला ,,,दफ्तरों में छापामार जांच के डर से ,,,अधिकारी कर्मचारी दफ्तरों में वक़्त पर पहुंचने लगे ,,दफ्तरों में छात्रों और उनके परिजनों के बेरोकटोक काम होने लगे सरकारी सरकारी वाहनों में अफसर उनके मेहमानों के सेर सपाटों पर रोक लगाई गयी ,,,सिनेमाघरों में छात्रों को कन्सेशन मिले,, तो बसों और ट्रेनों में ,,,छात्रो को रियायती दर पर,,, सफर का मजा मिला ,,,,रोज़गार कार्यालय में,,, भ्रष्टाचार खत्म हुआ,,,तो सरकारी अधिकारी कर्मचारियों द्वारा ,,,जनता के पेसे का दुरूपयोग कर,,, सरकारी वाहनों में ,,,मोज मस्ती करने पर,,, छापामार चेकिंग कर रोक लगवाई गई ,,,,,,,,छात्रो को सम्मान मिला ,,,,अशोक कालरा,,, इनके काल में ,,,सुपर स्टार रहे,,, राजेश खन्ना के हमशक्ल होने से,,, राजेश खन्ना के नाम से प्रचारित थे ,,महिलाये,, इनकी फेन थी और इनके इशारे पर ही ,,,छात्र राजनीति में वोटिंग होती थी ,,,,,उर्दू ,,अंग्रेजी ,,पंजाबी ,,हिंदी सहित ,,,कई भाषाओं पर,,, इनका कमांड रहा ,,,,कोटा की सियासत के बाद,,, अशोक कालरा दिल्ली की सियासत में गए,,, जहाँ काफी दिनों तक कोंग्रेस के हक में संघर्ष किया ,,,राजीव फ़ोर्स के नाम से ,,आन्दोलन किये ,,,तो विदेशी दूतावासों का घेराव ,,,,अपनी उपस्थिति जताई ,,,राजीव गांधी ने ,,,अशोक कालरा को ,,,,उनके सत्ता कार्यकाल में ,,,बूंदी जिले का प्रशिक्षक नियुक्त कर ,,,सम्मान दिया ,,अशोक कालरा का मुख्य नारा ,,,,,,,आप मालिक है ,,इनकी पहचान है ,,छोटा हो ,,,चाहे बढ़ा हो,,,, सभी को सम्मान ,,,सभी को प्यार और जेब से निकाल कर मिठास बांटने के रूप में,,, चोकलेट खिलाने का इनका अंदाज़ ,,,सभी को भाता है और लोग कहते है के,,, मिठास बांटने वाले इस शख्स के दिल में ,,,,कितनी मिठास होगी ,,उसूलो के लिए संघर्ष ,,उसूलो के खिलाफ कभी समझोता नहीं ,,इसी स्वभाव के कारण,,, अशोक कालरा के खिलाफ कई दर्जन फोजदारी मुकदमे ,,,दमनकारी निति के तहत दर्ज हुए ,,कई संघर्षो में ,,,इन्हें पुलिस की लाठी का शिकार होना पढ़ा,,,, लेकिन यह न टूटे ,,न झुके,,, बस चलते रहे ,,,अशोक कालरा,,,, कोटा के वकील आन्दोलन में भी सक्रिय रहे है,,, एक बार वकीलों के आन्दोलन के दोरान,,, भूख हडताल के वक्त ,,,जब अशोक कालरा को ,,,,भूख हडताल पर बिठाया गया तो इनका कहना था के ,,,,में बैठूँगा ,,,लेकिन मांगे पूरी होने तक ,,,,उठूँगा नहीं ,,अपने उसूलों के प्रति ,,,जिद्दी अशोक कालरा ने ,,,यही किया ,,एक दिन ,दो दिन ,,चार दिन ,,भूख हडताल से स्वास्थ्य ख़राब ,,,चिकित्सकों की रिपोर्ट खिलाफ ,लेकिन,,, अशोक कालरा भूख हडताल से ,,,,टस से मस नहीं ,,,,,,,,,आखिर सरकार को झुकना पढ़ा ,,एक अशोक कालरा के भूख हडताल के दृढ संकल्प के कारण ,,, सभी वकीलों को इंसाफ मिला ,,वकील साथियों ने अशोक कालरा की जय जय कार की और इन्हें,,, कोटा अभिभाषक परिषद का अध्यक्ष निर्वाचित किया ,,,,इनके कार्यकाल में न्यायिक अधिकारीयों में भी घबराहट थी ,,अशोक कालरा ,,,सरकारी वकील भी रहे है,,,,जो कार्य इन्होंने बखूबी ईमानदारी और दबंगता से किया है ,, जबकि स्थाई लोग अदालत में ,,,स्थाई लोक अदालत के जज सदस्य के रूप में भी,,, आप नियुक्त किये गए ,,,,,,,,अशोक कालरा,, आज भी मुस्कुराते है ,,,तो राजेश खन्ना याद आते है ,,उनके बोलचाल ,,उनकी सूरत शक्ल ,,उनके अंदाज़,,, आज भी कोटा के लोगों में ,,,राजेश खन्ना की यादे ताज़ा रखते है ,,लेकिन अशोक कालरा नोजवानो ,,बुजुर्गो के बीच ,,,आप मालिक है के जुमले के साथ मिलनसारी का किरदार निभाकर ,,लोगों में मिठास बाँट कर ,,,समाज की कडवाहट को दूर करने की कोशिशो में जुटे है ,,,,,,,,,,,अशोक कालरा साम्प्रदायिक ताक़तों के खिलाफ ,, हैं कोंग्रेस के पक्षधर है ,,लेकिन कोंग्रेस में चमचावाद ,,चापलूसी , ,,मनमानी ,,दलित और मुस्लिम विरोधी नीतियों के खिलाफ है ,,वोह एक बार किसी भी शख्स से मिलते ही उसकी अच्छाई बुराई समझते है ,,लेकिन वोह षड्यन्त्रकारी ,,चुगलखोरो के बारे में सच समझ कर भी खामोश इसलिए रहते है ,,क्योंकि वोह जानते है यह सुधरेंगे नहीं ,,,और बस आप मालिक है कहकर एक मुस्कराहट में अपना दर्द ,,अपनी तकलीफ ,,अपना प्यार बयान कर देते है ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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