कहावत है ,,जिसे अल्लाह रखे ,,उसे कोन चखे ,,जान ,,माल ,,इज़्ज़त सब खुदा के
हाथ में है ,,,बस इसीलिए ,,लाख कोशिशें की मिटटी में मिलाने की ज़माने ने
,,,खुदा का शुक्र है ,,लोगो की दुआओं ने मुझे ख़ाक होने न दिया ,,,बस इसी
तरह से समाजसेवी बाबा रज़ाक ,,,खुदा का शुक्र अदा करते है ,,एक वक़्त ,,एक
बुरा दौर होता है ,,जो ज़िन्दगी में सभी की ज़िन्दगी में आता है ,,बस इसी तरह
से पिछले दिनों ,,बाबा रज़ाक ,समाज सेवी से अचानक अपराधी बन गए ,,अपराधी भी
ऐसे अपराध के ,,जो किसी भी शख्स को शर्मसार कर ,,हालांकि
उनके दोस्त ,,उनके परिजन और आम लोग ,,किसी भी सूरत में इस अपराध की कहानी
को स्वीकारने को तैयार नहीं थे ,,लेकिन ज़माना तो ज़माना है ,,,भुगतना तो
पड़ता ही है ,,कुछ उंगलिया उठी ,,कुछ दुश्मनो ने बहती गंगा में हाथ धोना
चाहे ,,तो कुछ ऐसे भी थे ,,जिन्होने कुछ अखबारों को ,,,अपने इशारे पर चलाकर
,,बाबा रज़ाक की शख्सियत को धूमिल करने के लिए खबरें छपवाई ,,एक खबर में एक
अख़बार ने तो रंजिशवश बेवजह ,,बाबा रज़ाक का नाम घसीटते हुए ,,अपराधी ही
लिख डाला था ,,खेर ,,पुरे एक साल तक ,,पुलिस और समाज के सामने आरोपी रहे
,,समाज उनके साथ था ,,लोगो की दुआएं ,,अल्लाह का करम था के राजस्थान
हाईकोर्ट ने इस मामले में ,गिरफ्तारी के पूर्व इन्हें ज़मानत पर छोड़ दिया
,,अदालत ने बाबा रज़ाक का पक्ष सुनने के बाद कल उन्हें सभी आरोपो को झूँठ
मानकर बरी भी कर दिया ,,,बाबा रज़ाक पिछले दिनों ,,वक़्फ़ सम्पत्ति भँवर शाह
तकिया ,,बाबा जंगलीशाह की साफ़ सफाई ,,अतिक्रमण हटवाकर वहां बाउंड्री करवाने
के मामले में सक्रिय रहे है ,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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