दौर-ए-इलेक्शन मे कहाँ
कोई इंसान नजर आता है,
कोई हिन्दू कोई दलित
तो कोई मुसलमान नजर आता है.
बीत जाता है जब इलाकों मे
इलेक्शन का दौर ...
तब हर शख्स
रोटी , कपड़ा ,
मकान और सामाजिक
परेशानियों के लिये
परेशान नजर आता है.,,,,,,,,
कोई इंसान नजर आता है,
कोई हिन्दू कोई दलित
तो कोई मुसलमान नजर आता है.
बीत जाता है जब इलाकों मे
इलेक्शन का दौर ...
तब हर शख्स
रोटी , कपड़ा ,
मकान और सामाजिक
परेशानियों के लिये
परेशान नजर आता है.,,,,,,,,
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