एक कोचिंग संस्थान सी आई सी ऐ ,,से एक लेक्चरर वकील लोकेन्द्र जोशी को इतना
महंगा पढा ,,के उन्हें एक झूंठे मुक़दमे में गिरफ्तार करवाकर प्रताड़ित किया
गया ,,लेकिन अदालत ने इस झूंठे मुक़दमे की सुनवाई के बाद दूध का दूध और
पानी का पानी किया ,,,अब झूंठे मुक़दमे से डिस्चार्ज होने के बाद ,सुर्खुरू
हुए ,,पीड़ित लोकेन्द्र जोशी ने ,,मुक़दमे में अनुसन्धान अधिकारी आई पी एस
ममता गुप्ता ,,कोचिंग संस्थान सी आई सी ऐ जवाहर नगर के खिलाफ मैलिशियस
प्रोसिक्यूशन सहित झूंठे साक्ष्य गढ़कर मामले में फंसाने के अपराध में
कार्यवाही शुरू कर दी है ,,लोकेन्द्र जोशी ने अपने वकील एडवोकेट अख्तर खान
अकेला के ज़रिये ,,राज्यसरकार के सम्बोधित अधिकारियो ,,आई पी एस ममता गुप्ता
,,पुलिस कर्मी ,,कोचिंग संस्थान के संचालको को क़ानूनी नोटिस भेजकर
कार्यवाही के लिए क़ानूनी तकमील पूरी करते हुए ,सरकारी अधिकारियो के खिलाफ
मुक़दमा संचालित करने की स्वीकृति की मांग भी की है ,,,लोकेन्द्र जोशी इनकम
टेक्स पेयर ,,विधि में स्नातक ,,लेबर लो में डिप्लोमा ,,,पी एम ,,फिलॉसफी
में स्नातकोत्तर ,,कम्पनी सेक्रेटरी प्रशिक्षित ,,योगा में डिप्लोमा के साथ
बहुमुखी प्रतिभा के धनी है ,,लोकेन्द्र जोशी प्रतिभावान होने के कारण इनके
शैक्षणिक काल में गोल्ड मेडल और सिल्वर मेडल से पुरस्कृत भी हुए है ,,इनकी
प्रतिभा के कारण ही ,,यह एक अच्छे शिक्षक होने के नाते ,,कोचिंग संस्थान
में कम्पनी सेक्रेटरी सहित कई विधि सम्बन्धित कोर्स के प्रशिक्षक थे
,,लोकेन्द्र जोशी ने सितम्बर 2013 में कोचिंग संस्थान से इस्तीफा दिया बस
,,इस इस्तीफे के बाद से ही उनके खिलाफ षडयंत्रो और प्रताड़ना का दौर शुरू हो
गया ,,,लोकेन्द्र जोशी का आरोप है की उनको कोचिंग संस्थान के प्रीतम
गोस्वामी ,,पवन कुमार लालपुरिया ,,आशीष दुबे ,,ने उन्हें कोचिंग में ही
शैक्षणिक कार्य से जुड़े रहने के लिए कहा ,,फिर नहीं मानने पर उनके खिलाफ
साइबर क्राइम के तहत कोचिंग संस्थान को बदनाम करने की एक एफ आई आर दर्ज
करवाने के बाद उनका नाम जोड़ दिया गया ,,,लोकेन्द्र जोशी का आरोप है की
उन्नीस फरवरी दो हज़ार चवदाह में आशीष दुबे ने संस्थान की तरफ से किसी
अर्जुन सिंह के खिलाफ उनके संस्थान को बदनाम करने की एक रिपोर्ट दर्ज कराई
जो ,,पुलिस थाना जवाहर नगर में एफ आई आर नम्बर 67/2014 अंतर्गत धारा छियासठ
ऐ आई टी एक्ट के तहत दर्ज हुई , आरोप है की ,अनुसन्धान के दौरान प्रीतम
गोस्वामी ,,पवनकुमार लालपुरिया ने पुलिस से सांठ गांठ कर ,,इस अपराध में
उनका नाम जुड़वा दिया ,,अनसुंधान कर रही ,,प्रशिक्षु आई पी एस और उनके
अधीनस्थ सिपाही ममता गुप्ता,,रविन्द्र सिंह ने ,,,लोकेन्द्र जोशी को
लगातार प्रताड़ित किया ,,उनसे कई बार खाली कागजों पर हस्ताक्षर करवाये
,,उनका लैबटॉप इच्छानुसार चलवाकर साक्ष्य तैयार किये ,,लैबटॉप ज़ब्त किया और
बार बार लोकेन्द्र जोशी के साथ एक थर्ड ग्रेड अपराधी की तरह सुलूक किया
गया ,,,लोकेन्द्र जोशी का आरोप है के ,पुलिस ने साक्ष्य नहीं होने पर भी
साक्ष्य कूटरचित करने की कोशिश की ,,कोचिंग संस्थान के संचालको से सांठगांठ
कर गलत तरीके से गिरफ्तार किया ,,इतना ही नहीं एक खूंखार अपराधी की तरह
पुलिस ने कोचिंग संस्थान में उनकी प्रोफ़ाइल से फोटू निकलवाकर कोटा के दैनिक
अखबारों में सनसनी खेज खबर बनाकर खबर छपवाई ,,उनकी अदालत से ज़मानत हुई
,,लेकिन लोकेन्द्र जोशी सच पर अडीग थे वोह डरे नहीं ,,उन्होंने ,,पुलिस
अनुसन्धान के साथ ,,समानांतर अनुसन्धान ,,सुचना के अधिकार को हथियार बनाकर
करना शुरू किया ,,इस अनुसन्धान में उन्हें चोंकाने वाले तथ्य मिले
,,,उन्हें पता चला उनकी गिरफ्तारी 14 फरवरी 2014 और ज़मानत की तारीख़ 2 जुलाई
2014 तक लिखित में सुबूत के तोर पर चार्जशीट में अंकित की गयी है ,,बिना
तारीख का ज़मानत बन्ध पत्र तैयार किया गया ,,14 जून 2014 के सन्देश के लिए
इसके बाद की सूचनाएं ,,आई पी एड्रेस यहां तक के ब्रॉडबैंड की जानकारी
दूरसंचार विभाग से मांगी गयी ,,और सूचनाएं कथित रूप से प्राप्त कर इस्तेमाल
की गयी ,,जबकि दूरसंचार विभाग ने लोकेन्द्र जोशी को सुचना के अधिकार के
तहत प्राप्त जानकारी में ऐसी कोई भी सुचना पुलिस को उपलब्ध कराने से साफ़
इनकार किया है ,,पुलिस ने एफ एस एल भी मनमाने तोर पर प्राप्त करना जिसके
साथ संलग्न पृष्ठों को जानबूझकर नहीं लगाया गया ,,इतना ही नहीं अनुसन्धान
ममता गुप्ता जवाहर नगर थाने से 13 जुलाई 2014 को रिलीव हो गयी ,,फिर भी
उन्होंने ,,अधिकार क्षेत्र बाहर जाकर रिलीव होने के चार दिन बाद 17 जुलाई
2014 को लेबटॉप अपने अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर ज़ब्त किया है ,,कई
अनियमितताएं उजागर होने के बाद ,,प्रकरण में चार्ज के खिलाफ ,,लोकेन्द्र
जोशी ने खुद को डिस्चार्ज करवाने के लिए माननीय सेशन न्यायाधीश के समक्ष
निगरानी याचिका दायर की जो न्यायधीश क्रम छः ने सुनवाई के बाद गम्भीर क़दम
उठाते हुए ,,लोकेन्द्र जोशी को सभी आपराधिक चार्ज से दिनांक 23 जुलाई 2014
को डिस्चार्ज कर दिया ,,,लोकेन्द्र जोशी अपने अपमान का बदला लेकर दोषी लोगो
को दिलवाने के लिए प्रण ले चुके है उनका कहाँ है के वोह एक न्यायिक
कार्यवाही कर ,,लोगो को झंठा फंसा कर प्रताड़ित करने वालो के खिलाफ एक सबक़
का उदाहरण पेश करना चाहते है ,,इसीलिए उन्होंने मुक़दमा कार्यवाही के पूर्व
अपने वकील के ज़रिये प्रीतम गोस्वामी ,,पवन कुमार लालपुरिया ,,आशीष दुबे
,,जवाहर नगर सिपाही रविन्द्र सिंह ,,आई पी एस अनुसन्धान अधिकारी ममता
गुप्ता को क़ानूनी भिजवाया है जबकि राजस्थान के मुख्य सचिव और पुलिस
महानिदेशक से इस मामले में इन सरकारी अधिकारियो के खिलाफ फौजदारी मुक़दमा
दर्जकरवाने की पूर्व अनुमति भी मांगी है ,,लोकेन्द्र जोशी कहते है इस
मुक़दमे के बाद जो अखबारबाजी हुई उससे वोह बहुत आहत ,है ,उनके परिजन और
रिश्तेदार भी उन पर शक करने लगे थे और वोह खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे
,,अब मुक़दमे से सुर्खुरू होकर डिस्चार्ज होने के बाद उन्होंने राहत की सांस
ली है ,,उन्होंने इस मामले में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियो ,,मानवाधिकार आयोग
को भी विस्तृत शिकायते भेजी है जिनमे भी अनुसन्धान विचाराधीन है
,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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