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14 फ़रवरी 2017

रेडक्रॉस सोसाइटी कोटा में,,,, चुनाव के बाद,,, लोकतंत्र बहाली के बाद भी ,,रेडक्रॉस अभी तक ,,,प्रशासनिक व्यवस्था से आज़ाद नहीं हुई है

रेडक्रॉस सोसाइटी कोटा में,,,, चुनाव के बाद,,, लोकतंत्र बहाली के बाद भी ,,रेडक्रॉस अभी तक ,,,प्रशासनिक व्यवस्था से आज़ाद नहीं हुई है ,,जिस रेडक्रॉस कोटा की ,,,लोकतंत्र बहाली के लिए,,, कोटा के सदस्यो ने,,,, एक लम्बी लड़ाई लड़ी और इत्तेफ़ाक़ से ,,,रेडक्रॉस व्यवस्था के हमदर्द डॉक्टर रवि कुमार सुरपुर ज़िला कलेक्टर कोटा ने ,रेडक्रॉस कोटा में लोकतंत्र बहाली का बीड़ा उठाया और वोह सफल हो गए ,,लेकिन रेडक्रॉस विधान की पेचीदगियां समझे बगेर,,,, कुछ कार्यवाहियों से यहां आज भी ऐसा महसूस होता है ,,,,मानो यहां अभी भी प्रशासनिक अधिकार है ,,,रेडक्रॉस की कायाकल्प व्यवस्था के लिए,,, वैसे तो वैधानिक रूप से,,, ज़िलाकलेक्टर कोटा प्रेसीडेन्ट होते है ,,उन्हें बैठक बुलाने का पूर्ण अधिकार है ,,लेकिन वर्तमान में बुधवार 15 फरवरी को रेडक्रॉस कार्यकारिणी बैठक और व्यवस्था देखने के मामले में,,, संचालक मण्डल के,,, दस सदस्यो के पास ,,सुचना अतिरिक्त ज़िला कलेक्टर कोटा नगर ने जारी की है ,,जबकि जिलाकलेक्टर द्वारा यह सुचना जारी होना चाहिए थी,,,, वैसे इस बैठक का उद्देश्य ,,,रेडक्रॉस की खस्ता हाल को सुधारने के लिए,,, भवन का निरीक्षण ,,भविष्य की तैयारियां करना है ,,लेकिन ,,,इसके पूर्व साधारण सभा,,, बुलाये बगेर कुछ आंतरिक निर्वाचन हुए है,,, वोह अवैध हो जाते है ,कोटा रेडक्रॉस की व्यवस्था कई सालो से ठप्प पढ़ी थी ,,यहां अब चुनाव हुए है ,इसलिए चुनाव की जानकारी ,, सदस्यो की सूचि नाम पतों सहित ,,,प्रदेश रेडक्रॉस को भेजी जाना है ,,,वाइस प्रेसिडेंट ,,प्रेसीडेंट यानि,,,, ज़िला कलेक्टर द्वारा चुना जाना होता है ,,उनकी उपस्थिति में ,,,चुनाव नहीं हुए ,,निर्वाचित अध्यक्ष ,,,राजेश बिरला तीन वर्ष के लिए चुन लिए गए ,,,,लेकिन इसी दौरान ट्रेजरार का भी चुनाव कर,,, ट्रेजरार का नाम ,,,नामजद कर दिया गया ,,जबकि ,,,रेडक्रॉस कोटा की साधारण सभा की बैठक के बाद,,,, ट्रेजरार का निर्वाचन प्रबन्ध समिति द्वारा किया जाना था ,,जो पहले ही चुनाव कर लिया गया ,,ऐसे में सर्वप्रथम साधारण सभा बुलाकर,,, रेडक्रॉस सदस्यो से सम्बन्धित ,,,सुझाव के बगेर ,,रेडक्रॉस भवन सहित ,,,,व्यवस्थाओ की कायाकल्प बहुमत के निर्णय के बगेर,,, अगर किया जाता है तो,,, वोह लोकतंत्र की बहाली नहीं ,,,,सिर्फ मनमानी से ज़्यादा कुछ नहीं होगा ,,,,विधान के मुताबिक़ अध्यक्ष ,,उपाध्यक्ष ,मानद सचिव ,,,ट्रेजरार ,,साधारण सभा बुलाकर,,, उसके बाद नामित होकर ,,रेडक्रॉस विधान के मुताबिक़ ,,,शपथ ग्रहण करेंगे ,,,जो अभी तक नहीं किया गया है ,,,,रेडक्रॉस के बैंक खाते है ,,,उसमे नामजद होना है ,,ऐसे में साधारण सभा की प्रक्रिया के पूर्व,,, इस तरह कार्यवाही फिर से ,,,,रेडक्रॉस को क़ानूनी दांव पेंच में उलझा सकती है ,,,अभी रेडक्रॉस की उप समितियों का गठन बाक़ी है ,सदस्यो को सहवरित किया जाना है ,,,वित्त समिति ,,स्वास्थ्य समिति ,,जूनियर रेडक्रॉस ,,यूथ रेडक्रॉस समिति ,,डिज़ास्टर मिटिगेशन कमेटी सहित ,,,कई दूसरी संचालन समितियां बनाना है ,,,प्रदेश रेडक्रॉस के लिए प्रतिनिधि का नाम तय करना है ,,,,यह सब रेडक्रॉस की साधारण सभा में,,, विचारविमर्श के बाद हो तो ही,,, संवैधानिक है ,,कायाकल्प कार्ययोजना में,,,, साधारण सभा के सुझाव ,,,उनकी जानकारी में लाकर किया जाए ,,,तो वैधानिक हो जाता है ,,रेडक्रॉस के हित में कोई भी खर्च ,,आमदनी ,,,,जो भी हो उसका लेखाजोखा ,,,,साधारण सभा को बताकर ,,,किया जाए ,,वर्तमान जर्जर हालातो के बारे में ,,,,साधारण सभा में चर्चा हो ,,फिर वैधानिक रूप से ,,,शपथ हो ,,ट्रेजरार की नामजदगी हो,,, तो लगेगा के सच में ,,,रेडक्रॉस में लोकतंत्र बहाल हुआ है ,,वरना साधारण सभा के विचार विमर्श के बगेर तो,,,, कामकाज पहले भी होता रहा है ,,जिस व्यवस्था के खिलाफ ,,,जो लोग लड़कर लोकतंत्र की बहाली के नारे के साथ ,,,निर्वाचित हुए है ,,सर्वसम्मति से निर्वाचित हुए है ,,उनके कार्यकाल की शुरुआत में ही अगर ,,साधारण सभा के बगेर ,,कार्य शुरू हो जाए ,,आंतरिक ट्रेजरार निर्वाचन हो जाए तो ऐसा लगता है जैसे रेड्क्रॉसियन आसमान से टपककर खजूर में अटक गए है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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