प्यार के पिंजरे में
पंख फैलाये तुम ,,
चिड़िया की तरह चहकते थे ,,
खुशबु की तरह महकते थे ,
प्यार के पिंजरे में तुम अब
मायूस से लगने लगे हो
चहकने की जगह बहकने लगे हो ,,
में कोई जल्लाद सय्याद नहीं ,,
जाओ खुश रहो ,,
प्यार के पिंजरे से तुम्हे
आज़ाद कर दिया है
आज़ाद कर दिया है ,,अख्तर
पंख फैलाये तुम ,,
चिड़िया की तरह चहकते थे ,,
खुशबु की तरह महकते थे ,
प्यार के पिंजरे में तुम अब
मायूस से लगने लगे हो
चहकने की जगह बहकने लगे हो ,,
में कोई जल्लाद सय्याद नहीं ,,
जाओ खुश रहो ,,
प्यार के पिंजरे से तुम्हे
आज़ाद कर दिया है
आज़ाद कर दिया है ,,अख्तर
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