ऐ सीनियर सिटिज़न सुंदरियों
हम बूढ़े ज़रूर हो गए है ,,
लेकिन एक दिन
वोह भी था ,
सभी सुंदरियों को
जब आती थी हिचकिया
हमारा नाम लेकर ही
उनकी हिचकिया बन्द होती थी ,,अख्तर
हम बूढ़े ज़रूर हो गए है ,,
लेकिन एक दिन
वोह भी था ,
सभी सुंदरियों को
जब आती थी हिचकिया
हमारा नाम लेकर ही
उनकी हिचकिया बन्द होती थी ,,अख्तर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)