अंग्रेज़ो ,,,भारत छोडो आंदोलन में ,,,आग उगलने वाले ,,,कोटा के स्वतंत्रता
सेनानी,,, मास्टर श्यामनारायण सक्सेना को ,,गणतंत्र पर नमन ,,,दोस्तों,,,
अंग्रेज़ो भारत छोडो,,, आंदोलन में,,, आग उगलने वाले ,,,कोटा के स्वतंत्रता
सेनानी ,,,,मास्टर श्यामनारायण सक्सेना की आज,,,, ,,,,,,,मास्टर श्याम
नारायण सक्सेना का जन्म २ अक्टूबर 1908 में हुआ ,,,जबकि इनका देहांत 14
अकटूबर 1981 को हुआ ,,, अंग्रेज़ो के खिलाफ,,,,,आग उगलने वाले ,,,आज़ादी के
दीवाने,,, यह निर्भीक सिपाही ,,अंग्रेज़ों की लाठियां भी खाते ,,,उन्हें
छकाते और भूख हड़ताल के हथियार से ,,,उन्हें झुकने को भी ,,,मजबूर करते थे
,,,,आज़ादी के आंदोलन में अंग्रेज़ो से कोटा को मुक्त कराकर,,, अंग्रेज़ों को
कोटा से भगाया ,,,कोटा को आज़ाद कराया और जब,, कोटा कोतवाली पर इन्होने
क़ब्ज़ा किया ,,,तो अंग्रेज़ों की गोली ने,,, इन्हे घायल कर दिया ,,,लेकिन फिर
यह ना डरे ,,न झुके ,,और आज़ादी का झंडा ,,हमारे देश की आनबान,,, शान
,,तिरंगा,,, हाथ में लहराकर,,, इंक़लाब ज़िंदाबाद,,, का नारा देकर ,,,,सभी
स्वतंत्रता सेनानियों में ,,,जोश पैदा करते रहे ,,,,मास्टर श्यामनारायण
सक्सेना ,,, जो भ्रस्टाचारियों ,,सामन्तवादियों ,,पूंजीवादियों
,,साम्प्रदायिक ताक़तों के,,, दुश्मन थे,,, वोह आज़ाद भारत में,,, एक आज़ादी
की लड़ाई,,, फिर से लड़ने को मजबूर हुए ,,,उन्होंने आज़ाद भारत को,,,
भ्रष्टाचार मुक्त करने के लिए,,, काले अँगरेज़ ,,,यानी भारतीय अधिकारीयों,,,
नेताओं से ,,,कई संघर्ष किये ,,भूख हड़ताल की ,, इनकी कई बार ,,नाजायज़
गिरफ्तारिया हुई ,,सक्सेना अहिंसावादी गांधी और क्रन्तिकारी सुभाष चन्द्र
बोस दोनों की स्टाइल में नरम गर्म तेवर दिखाकर जनता को इन्साफ दिलाते थे
,,इन्होंने ,,कई भ्रष्ट लोगों को जेल भिजवाया ,,लेकिन यह ना टूटे ,,न झुके
,,न बिखरे,, बस आंदोलन करते रहे ,,इनकी,,, इस ज़िद के कारण ,,,पूंजीवादियों
,,भ्रष्टाचारियों ने ,,इनका नाम ,,,लाल चीन्टा ,,,रख दिया,,, उनका मानना
था के ,,,इनका काटा पानी भी नहीं मांगता है ,,,इसलिए इनका खौफ,,, कोटा के
सभी,, भ्रष्ट लोगों में छा गया और भ्रष्टाचार ,,,काफी हद तक नियंत्रित हुआ
,,,,मास्टर श्यामनारायण सक्सेना ,,,लोगों को आज़ाद भारत का ,,पाठ पढ़ाते थे
लोकतंत्र के सच्चे प्रहरी थे ,,एक आदर्श भारत ,,एक भ्रष्टाचार मुक्त
,,,विकसित भारत का,, पाठ पढ़ाते थे और,, इसीलिए इन्हे मास्टर,,, कहा जाने
लगा ,,,,,,मास्टर श्यामनारायण सक्सेना,,, एक कुशल निर्भीक वक्ता थे
,,,वोह हर हफ्ते,,, कोटा की समस्याओं को लेकर,,, रामपुरा पीपली के नीचे
,,,फिर पुरानी सब्जीमंडी पीपली के नीचे,,,, जनता का दरबार लगाते थे ,,,इस
दरबार में,,, कोटा की जनता,,, उनके साथ हुई ज़्यादतियों के क़िस्से ,,,बयां
करती थी और फिर,, मास्टर श्यामनारायण सक्सेना ,,,, इन लोगों को न्याय
दिलवाते थे और भ्रष्ट अधिकारीयों सियासी लोगों के खिलाफ ,,,कार्यवाही
करवाते थे ,,,श्याम नारायण सक्सेना ,,,खुद साहित्यकार ,,लेखक भी थे ,,,इनकी
कविताये ओजस्वी ,,क्रन्तिकारी ,,राष्ट्रभक्ति और भ्रष्टाचार मुक्त भारत के
सपने को साकार करने वाली थी ,,,,,कोटा में ही नहीं पुरे भारत में ,,,आज़ादी
की लड़ाई के बाद आज़ाद भारत का यह पहला सिपाही था ,,,,जिसने देश में
नौकरशाह,,, काले अंग्रेज़ों के खिलाफ,,, निर्भीक होकर भ्रष्टाचार मुक्त भारत
का सपना देखा और इसके लिए,,, संघर्ष किया ,,इन्हे खरीदने की कोशिशे हुई
,,डराने धमकाने की कोशिशें हुई ,,,लेकिन सब बेकार यह लडत्ते रहे ,,,संघर्ष
करते रहे और इसी दौरान ,,,राजस्थान में जागृति अख़बार प्रकाशित कर,,,,
सिद्धांतवादी पत्रकारिता की मिसाल बन गए ,,,,आज उनके पुत्र ओम नारायण
सक्सेना ,,प्रेमनारायण सक्सेना ,,,विजयनारायण सक्सेना ,,जयनारायण सक्सेना
,,सूर्यनारायण सक्सेना ,,जयनारायण सक्सेना सभी पत्रकारिता से जुड़े है
,पुत्र संजीव सक्सेना ,, प्रशान्त सक्सेना ,,,दैनिक धरती करे पुकार
,,,दैनिक जनजागृति ,,,,,मज़दूर चेंतना ,,,,जागृति साप्ताहिक समाचार पत्र,,,
इनकी धरोहर है,,, जो आज भी,,, भ्रष्टाचार के खिलाफ,,, अपने पिता के सपनों
को साकार कर रहे है ,,,और उनके अधूरे काम ,,,भ्रष्टाचार मुक्त भारत के
निर्माण का ,,,सपना पूरा करने में लगे है ,,,,मास्टर श्यामनारायण सक्सेना
के सुपौत्र,,,भाई प्रशांत सक्सेना जो मास्टर ब्लड डोनर है ,,,जिन्हे चलता
फिरता ब्लड बैंक ,,कहा जाता है ,,,,,,जो कायस्थ महासभा के युवा नेता है
,,,,जो कोटा प्रेस क्लब की कार्यःकारिणीं सदस्य है इनकी पत्नी रामपुरा
क्षेत्र से भाजपा की वार्ड पार्षद है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,स्वतंत्रता
सेनानी मास्टर श्याम नारायण सक्सेना को उनके संघर्ष ,,उनके सिद्धांतों उनकी
निर्भीकता के कारण ,,गणतन्त्र दिवस की इस सन्ध्या पर ,,,, सेल्यूट सलाम
,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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