आपका-अख्तर खान

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31 जनवरी 2017

तुमसे अब

सोचा था
मिल गए तुम
खुशियों के साथ रहेंगे
तुमसे अब
कभी जुदा होंगे ,,
इधर कमबख्त
मलेकुल मोत
अनक़रीब
ले जाना चाहता है ,,अख्तर

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