शब्द प्रह्लाद है ,,शब्द आंदोलन है ,,शब्द लोहिया है ,,शब्द जे पी है ,,अगर
शब्द ,,,हक़ पर हो तो ,,शब्द प्रह्लाद की ताक़त हिरणाकश्यप से बढ़ जाती है
,,शब्द ,,नारीसम्मा पैदा करता है ,,नरसिम्मा हिरणाकश्यप का अंत करता है
,,आज शब्द प्रह्लाद हमारे देश में अगर हक़ पर हो जाए तो देश के सवासो करोड़
लोग नरसिम्मा बनकर ,,देश की बुराई ,,अनाचार ,,अत्याचार के हिरणाकश्यप का
सफाया कर देंगे ,,,, वरिष्ठ पत्रकार ओमेन्द्र सक्सेना के आह्वान पर रविवार
को कोटा में राष्ट्रिय स्तर पर आयोजति ,,क़लमकार सम्मेलन २०१७ में कोटा
उत्तर के विधायक प्रह्लाद खूब बोले ,,दिल से बोले ,,उन्होंने वरिष्ठ
पत्रकार दादा मदन मदीर द्वारा अपने उद्बोधन में ,,शब्द ,,,निशब्द हो गया है
,,शब्द प्रह्लाद है ,,शब्द की व्याख्या वर्तमान पत्रकारिता के सन्दर्भ में
परिभाषित करने के बाद ,,विधायक प्रह्लाद गुंजल उसी को मुद्दा बनाकर ,,देश
के वर्तमान हालातो में कलमकारों की ज़िम्मेदारी को लेकर अपना उद्बोधन कर रहे
थे ,,,,प्रह्लाद गुंजल ने कहा के शब्द ,,आज़ाद होना चाहिए ,,निष्पक्ष होना
चाहिए ,,एक छोटे मंझोले समाचार पत्रो से जुड़े ,,शब्द शास्त्री ,,जो क़लमकार
होते है ,,वोह लोग समाज का दर्पण होते है ,,चोकीदार होते है ,,लोकतंत्र के
रक्षक होते है ,,प्रह्लाद गुंजल ने कहा संविधान में चौथा स्तम्भ किसी
अनुच्छेद में नहीं लिखा है ,,लेकिन यह शब्द ही है ,यह शब्दशास्त्री यानि
पत्रकार ही है क़लमकार ही है जिन्होंने अपनी ताक़त के बल पर ,,खुद को चौथा
स्तम्भ कहलाया भी और साबित भी किया है ,,,प्रह्लाद गुंजल ने कहा के
,राजनीति में शब्द निशब्द है ,,शब्द शास्त्री नहीं ,,लेकिन आप
शब्दशास्त्रीयो से देश को उम्मीदे है ,, उन्होंने कहा हम लोग राजनितिक लोग
है ,,हम कोंग्रेस ,भाजपा और कोई और दल के भरोसे लोकतंत्र सुरक्षित नहीं है
,,ऐसे में आप लोगो को आगे ,,आना होगा ,,प्रह्लाद गुंजल ने महात्मा गान्धी
को याद करते हुए कहा के ,एक महात्मा जिसने लाठी और लँगोटी के बल पर
,,अंग्रेज़ो को भगाया था ,उनका दर्जा ,,प्रधानमंत्री से कहीं बहुत ऊँचा है
,,उन्होंने कहा के एक जयप्रकाश नारायण ,,शब्द लेकर आये ,,शब्द आंदोलन बना
,,,क्रान्ति आयी ,,,जो लोग स्थाई समझते थे ,सब हार गए ,,जयप्रकाश नारायण के
शब्द जीते ,,लेकिन जयप्रकाश नारायण प्रधानमंत्री नहीं बने ,,फिर भी वोह
प्रधानमंत्री से कई दर्जा ऊँचा रहे ,,,,,प्रह्लाद गुंजल ने कहा के एक सेना
का व्रद्ध ड्राइवर ,,समाजसेवक दिल्ली से आवाज़ लगाता है ,,देश उठ खड़ा होता
है ,,उस अन्ना के शब्द पर क्रान्ति आती है ,,और उस क्रांति से निकले एक दल
को ,,एक शब्द ,,भ्रस्टाचारीयों के मुंह पर , छींका बाँध दो ,,बस वही शब्द
,,दिल्ली में एक छोटे से ,इस शब्द के हिस्से को सत्ता सोंप देता है
,,,,प्रह्लाद गुंजल ने कहा ,,शब्द शास्त्रियों में शब्द ,,अगर जीवित है तो
समाज निर्भीक होकर जी सकता है वरना अराजकता के आगे घुटने टेक देने वाला
शब्द ,,हालात बिगाड़ देता है ,उन्होंने उदाहरण दिया ,,,,तेज़ी से नम्बर वन
का नारा देने वाला शब्द बेचने वाला एक अख़बार ,,उसके तीन विज्ञापन कलेक्टर
ने बन्द कर दिए ,,बस इतनी बढ़ी संस्था ,,इतना बढ़ा अख़बार ,,कहता है ढाई साल
और बचे है हम तो कटोरा लेकर भीख मांगकर काम चला लेंगे ,,प्रह्लाद गुंजल
बहुत बोले ,,दिल से बोले ,,शब्दो की क्रान्ति की ज्वाला से उन्होंने
लोकतंत्र की रक्षा का आह्वान किया ,,,प्रहलाद के भाषण को सभी ने सराहा
,,दिल्ली से आये डॉक्टर हनीफ शास्त्री ,,वरिष्ठ पत्रकार अली आदिल सभी ने
उनके मुक्त कण्ठ के इस उद्बोधन पर दिल से दाद दी ,,इसके पूर्व ,,वरिष्ठ
पत्रकार मदन मंदिर ने शब्द की व्याख्या करके ,शब्द को पत्रकारिता का पर्याय
बताते हुए ,,,शब्द की तुलना एक आंदोलन ,एक न्यायधीश ,एक विचारधारा से करके
,,सभी को चोंका दिया ,,बेहतर क्रान्तीकारी लेखन के लिए प्रसिद्ध ,,दादा
मदन मंदिर ,,द्वारा शब्द ,,के इस व्याख्यात्मक ,क्रन्तिकारी उद्बोधन को सभी
ने दिल से निकली दिल की बात बताते हुए बहुत सराहा ,,इस अवसर पर ,,वरिष्ठ
पत्रकार इन्द्रनारायण सक्सेना ,,मदन मंदिर ,,जयनारायण सक्सेना ,,,भंवर सिंह
,,बाबा कमल सिंह गहलोत ,मुनीश जोशी ,,नरेश विजयवर्गीय ,,,हरीश अग्रवाल
,,,सहित कई दर्जन पत्रकार ,,समाजसेवकों ,,अपने अपने क्षेत्रों में विशेष
अनुकरणीय कार्य करने वालो को सम्मानित कर उनकी हौसला अफ़ज़ाई की ,,,,,,अख्तर
खान अकेला कोटा राजस्थान
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