आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

25 जनवरी 2017

बदल गया है इंसान

सच कितना
बदल गया है इंसान
मेरी आँख का एक आंसू
देखकर
जो कर देते थे सब कुछ क़ुर्बान
आज मेरी सुबकियों ,
मेरे फूट फूट कर रोने पर भी
वोह मुस्कुराये है ,,अख्तर

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...