सच कितना
बदल गया है इंसान
मेरी आँख का एक आंसू
देखकर
जो कर देते थे सब कुछ क़ुर्बान
आज मेरी सुबकियों ,
मेरे फूट फूट कर रोने पर भी
वोह मुस्कुराये है ,,अख्तर
बदल गया है इंसान
मेरी आँख का एक आंसू
देखकर
जो कर देते थे सब कुछ क़ुर्बान
आज मेरी सुबकियों ,
मेरे फूट फूट कर रोने पर भी
वोह मुस्कुराये है ,,अख्तर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)