आम हिंदुस्तानी को तो देश में जो कुछ भी हुआ है ,,हो रहा है ,,उसकी खबर है
,,लेकिन कुछ झकझकी लाल है ,,वोह क्यों नहीं समझते ,,के कैशलेश ,,नोटबन्दी
,,भ्रष्टाचार समाप्ति ,,कालाधन पकड़े जाने के बाद भी ,,देश में ज़रूरी चीजों
,,खाद्य पदार्थ ,,रोज़मर्रा काम आने वाली चीज़े ,,जो सामान आम आदमी के रोज़
काम आने वाले है उनकी कीमते क्यों आसमान पर है ,,यक़ीन नहीं आये तो ,,साहिब
सूटेड बूटेड के सत्ता सम्भालने से आज तक के भावों की सूचि निकाल कर देख ले
,,,,यह कहता अर्थशास्त्र अमीर ,,अमीर ,,गरीब गरीब ,,मध्यमवर्गीय की आँख में
आंसू ,,किसानों की सब्ज़िया ,,टमाटर सड़ रहे है ,,ज़मीन पर बिक रहे है
,,अस्पताल ,,दवाये सभी कई गुना महंगी होती गयी है ,, क्या यही गरीबी उत्थान
का अर्थशास्त्र है ,,,नहीं न तो फिर कब तक उल्लू बनोगे भाई ,,अख्तर
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