कोटा पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोधारा,, द आयरन मेन ,,निर्भीक ,,,नीडर
,,निष्पक्ष ,,,पुलिस का हाथ ,,आम जनता के साथ ,,उत्पीड़ित करने वाला ,,जो भी
हो उसके खिलाफ कार्यवाही ,,,के रूप में पहचान बना चुके है ,,,निर्विवाद
तरीके से कोटा पुलिसिंग को दुरुस्त कर ,,जनता को सुरक्षा और इन्साफ दिलाने
की कोशिशो में जुटे ,,पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोधारा के विश्वास और भरोसे
का ही नतीजा है ,,के अब ,,पीड़ित वर्ग सीधा उनके पास पहुंचने लगा है ,,उन
तक जो पहुंचा अगर सच्चा हुआ तो इंसाफ ज़रूर मिला है ,,अगर पुलिस उत्पीड़न की
गाथा भी रही तो ऐसे पुलिस कर्मियों को भी दण्डित किया गया है ,,पिछले दिनों
एक इमरान जिसे साज़िश के तहत ,,सी आई के घर चोरी के मामले में नाजायज़
हिरासत में रखा ,,,खूब थर्ड डिग्री इस्तेमाल किया ,, तवे पर बिठाया ,,गर्म
पानी डाला ,,करंट लगाया ,, मारा पीटा ,,मासूम बच्चो को बेइज़्ज़त किया
,,,डराया धमकाया ,,फिर मारपीट के आरोप के बाद ,,इमरान की पत्नी की मोत हो
गयी ,,पुलिस अधीक्षक को शिकायत मिलते ही ,,सी आई सहित शामिल लोगो के खिलाफ
मामला दर्ज हुआ ,,जाँच हुई ,,सी आई और दूसरे शामिल लोगो को हटाया गया ,,कुछ
लोग बदल गए ,,कुछ दुश्मन पुलिस के दोस्त इमरान के दोस्त बन गए ,,घटना दबा
दी गयी ,,ढील हुई डील हुई ,,,ऐसी अफवाहे उड़ने लगी ,खामोशी हुई ,,इसी दौरान
जिस इमरान को नाजायज़ हिरासत में रखकर लगातार बेरहमी से मारा ,,पीटा ,,थर्ड
डिग्री दी ,,पत्नी को खो दिया ,,तब उस इमरान ने चोरी की घटना नहीं कुबूली
,,लेकिन अचानक किशोरपुरा थाना के एक ऐ एस आई साहब ,,उठे ,,सी आई साहबी को
जांच और मानवाधिकार के डंडे से बचाने के लिए ,,इमरान को गिरफ्तार किया और
जो इमरान इतनी प्रताड़ना के बाद भी चोरी में लिप्त होने से इंकार कर रहा था
,वोह एक गांय की तरह पुलिस के साथ गया ,,चोरी के कुछ सामान भी बरामद करवा
दिए ,,ऐ एस आई साहब ने नकदी और बाक़ी सामान की बरामदगी के लिए रिमांड भी
नहीं लिया ,,जेल भेज दिया ,,अजीब ज़ुल्म और फिर ज़ुल्म ज़ुल्म की घटना थी
,,अल्पसंख्यक विभाग के सोशल मिडिया प्रभारी अब्दुल रशीद क़ादरी ने यह घटना
जब पुलिस अधीक्षक को बताई तो ,,पुलिस अधीक्षक ने गम्भीरता से लिया
,,किशोरपुरा थाने के इस गुस्ताख़ ऐ एस आई को सस्पेंड किया गया ,,,नतीजा
पुलिस जांच की अदालत में भी पोल खुली और ,,बेवगुनाह इमरान फिल्हाल ज़मानत पर
छूट गया है ,,इस मामले में अगर जांच सी बी आई करे ,,या दूसरे अफसर करे तो
निश्चित तोर पर इस प्रकरण में गवाह बने लोग और जांच अधिकारी को सज़ा होगी
,,,एक दूसरी घटना कोटा में एक कालू और उसकी पत्नी को एक फरियादी से मिलकर
झूँठा फंसाने की कोशिश ,,धारा तीन का मुक़दमा दर्ज किया गया ,,,दलाल बार
बार गिरफ्तार नहीं करने के नाम पर उप अधीक्षक के नाम से रूपये वसूलता रहा
,,दोनों पति पत्नी और ससुर सेवानिव्रत ऐ एस आई को थाने बुलाकर बेइज़्ज़त
किया गया ,,,मारा पीटा गया ,,बढ़ी मुश्किल में सौदा पचास हज़ार में तय हुआ
,,प्रताड़ित परिवार को पूर्व शिकायत जो एस पी को दी गयी थी उसका हवाला देकर
पीटा गया ,,पुलिस अधीक्षक को मेने इस मामले की जानकारी दी ,,प्रताड़ित
परिवार को उनके पास भेजा गया ,,,हाथो हाथ फैसला ,,पुलिस अधिकारियों को
डांट फटकार ,,और इस दम्पत्ति को इन्साफ मिला झूंठे मुक़दमे खत्म ,,पुलिस के
दलाल ,,फ़र्ज़ी मुक़दमे में गिरफ्तारी का खोफ बताकर ,,रूपये वसूली की
कार्यवाही पर पुलिस अधीक्षक ने पानी फेर दिया ,,,कोटा में ऐसी अनेक घटनाये
है जिसमे ,,पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोधारा न स्पॉट फैसला करते है ,,बोल्ड
इतने के अपराधी कितना ही सिफारिशी हो ,,कितना ही बढ़ा हो अगर उसके खिलाफ
सुबूत है तो फिर कार्यवाही होकर ही रहती है ,,शहर की हर घटना पर नज़र ,,बढे
बढे आंदोलनों को बिना किसी लाठी ,,बिना किसी बल प्रयोग के निस्तारित करना
इनका हुनर है ,,सही मायनो में ,,पुलिस का हाथ आम जन के साथ ,,आम जनता का
विश्वास पुलिस के साथ के नारे को ,,पुलिस अधीक्षक सवाई सिंह गोधारा ने अमल
में लाकर अपने कर्तव्य और मेहनत ,,लग्न से पूरा किया है ,,,ऐसे पुलिस
अधीक्षक को सेल्यूट सलाम ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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