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17 दिसंबर 2016

सिर्फ ,,मेरे एक हमदर्द दिनी भाई के लिए

सिर्फ ,,मेरे एक हमदर्द दिनी भाई के लिए ,,,जो बैतुलमाल ,,की एक पोस्ट को लेकर मुझ से नाराज़ है ,,सिर्फ उनके लिए ,,मेरे यह भाई कुछ कमज़र्फ़ शेतानो के बहकावे में है ,,उन कमज़र्फ़ लोगो का हथियार बने है ,,मेरे इस दिनी भाई से ,,छुप कर वार करवाने की कोशिश करने वाले , इन लोगो ने ,,,हमारी कॉम के रहनुमा ,,ईमानदार गेर सियासी रहनुमा ,,की ईमानदारी पर हमला करने की कोशिश की है ,,मेरे इस दिनी भाई के ज़रिये ,,इस ईमानदार गेर सियासी रहनुमाई शख्सियत ,,को बदनाम करने की साज़िश रची है ,,,,मेरे इस दिनी भाई को छुपकर वार करने के लिए ,,कायराना हथियार बनाया है ,,मेरे इस दिनी भाई के ज़रिये ,,इन कमज़र्फ़ लोगो ने ,,उर्दू बचाओ मुहीम ,,की कामयाबी से चिढ कर ,,इस मुहीम में शामिल सभी लोगो को बेहूदगी के अल्फ़ाज़ों से नवाज़ा है ,,,मेरे इस दिनी भाई से इल्तिजा है ,,उर्दू मुहीम हो ,,या फिर हुज़ूर स अ व के डेनमार्क मामले में विरोध मुहीम हो ,,क्या जिनके इशारे पर मेरे यह दिनी भाई नाच रहे है ,,उससे आधे ,,उससे एक चौथाई ,,मेरे दिनी भाइयो को वोह इकट्ठा कर सकते है ,,नहीं न ,,अरे मेरे दिनी भाई ,,ज़रा इनसे कहो यह अपने गिरेहबान में झांके ,,तुम इस्तेमाल मत होओ मेरे भाई ,,तुम मेरे भाई हो ,,मेरे हमदर्द हो ,,ज़रा पास आकर तो देखो ,,ज़रा तुम्हे भड़काने वाले ,,तुम्हे उकसाने वाले ,,तुम्हे गुनाहगार बनाने वालो की शख्सियत से मुक़ाबिल करके नज़दीकी से तो देखो ,,हाँ में कहता हूँ ,,में जिसे कॉम का गेर सियासी रहनुमा कहता हूँ ,,उस रहनुमा जैसा ,,कॉम का हमदर्द कोई दुसरा है ही नहीं ,,,सियासत करना अलग बात है ,,सियासी पद लेना अलग बात है ,,लेकिन अपने दफ्तर में बैठकर ,,रोज़ हज़ारो हज़ार लोगो के फैसले करना ,,उनके दुःख दर्द सुनकर ,,उनका समाधान खोजना ,,कॉम पर कोई भी मुसीबत आये हमेशा ढाल बनकर कर खड़े रहना ,,रोज़ अपने दफ्तर में सेकड़ो बीमार ,,मरीज़ ,,बेवा ,,यतीमों की मदद करना ,,कॉम के अमीर बनने के बावजूद भी सिर्फ और सिर्फ कॉम के खिदमतगार बनकर खुश रहना ,,इस शख्सियत की खुबिया है जनाब ,,मेरे गुमनाम दिनी भाई ,,जिसे कॉम ,,जिसे अल्लाह ,,जिसे माँ ,,बाप अपना नाम देते है न वोह छुप कर वार नहीं करते ,,वोह अपना नाम लिखते है ,,लेकिन तुम खुद दया के पात्र ,,हो ,,तुम्हे नहीं पता ,,तुम किया कर रहे हो ,,अरे मेरे भाई ,,एक बार सिर्फ एक बार मेरे कहने से ,,जिस शख्सियत पर तुमने शेतानो के बहकावे में आकर उंगली उठाई है ,दो दिन सिर्फ दो दिन उनके पास रोज़ बैठकर देखो ,,अगर तुम्हारा मिजाज़ ख्याल न बदले तो कहना ,,मेरे पास आओ ,,मेरे साथ आओ ,,दो तीन दिन मुझे पढो ,,फिर मुझ में कमी देखो तो मेरे कान उमेठो ,,लेकिन मेरे गुमनाम दिनी भाई ,,अगर आपको गलत बहकाया गया ,,गलत बरगलाया गया है ,,तो फिर आप क्या इन लोगो के गिरेहबान पर हाथ डालेंगे ,,नहीं हम यह नहीं चाहते बस ऐसे बहकाने वालो से आप अलग थलग हो जाए ,,इन्हें अल्लाह हिदायत दे ,,ऐसी दुआएं इनके लिए हम और आप मिलकर करे ,,मेरे गुमनाम दिनी भाई ,,मुझे फख्र है ,,एक आर एस एस के भक्तजन की तरह मेरी कॉम के हक़ की पोस्टों को आपने पूरा पढा और सोशल मिडिया का कोमी कुख्यात लेखक बताया ,,मेरे भाई जहाँ तक तीन तलाक़ का मुद्दा है ,,उस मामले में क़ुरान शरीफ में लिखा ,सुर ऐ अननिसा में लिखा क़ानून ,,हिंदुस्तान तो किया ,,दुनिया की कोई अदालत भी नहीं बदल सकती ,,क़ुरान शरीफ की इस आयत में ,,तलाक़ का जो क़ानून लिखा उसे कोई नहीं बदल सकता मेरे भाई ,,लेकिन जो इस आयत में दिए गए हुकम के बगेर मनमानी करता है ,,ऐसे लोगो की हमे पैरवी से भी दूर रहना होगा ,, वैसे मेरे गुमनाम दिनी भाई ,,,निहायत ही अदब से एक सलाह ,,आपको बहकाने वाले शेतानो को देना ,,उनसे कहना ,,उनकी रंजिश ,,उनकी शिकायत अगर मुझ से है ,,तो व्यक्तिगत मुझ से मुक़ाबला करे ,,मेरे खिलाफ जो चाहे करे ,,उनकी हर गलती ,,हर गुनाह माफ़ है ,,लेकिन कॉम के इस निर्विवाद गैरसियासी हमदर्द रहनुमा की तरफ अगर ऊँगली भी उठाने की कोशिश की तो यकीन मानना इनकी ऊँगली का क्या हश्र होगा ,,इन्हें बता देना ,,शिकायत हो सकती है ,,गलतियां किसी से भी हो सकती है ,,लेकिन उनका निपटारा आपस में बैठकर ,,एक दूसरे से दिल मिलाकर ,,एक दूसरे के गले लगकर आसानी से किया जा सकता है ,,मेरे इस कोमी रहनुमा के साथ ,,सभी मसलकबाज़ी छोड़ कर पूरी कॉम थी ,,है और रहेगी ,,जिन्हें ऐतराज़ है उन्हें समझ लेना चाहिए ,,वोह सियासत नहीं करते ,,सिर्फ इबादत करते है ,,,,,मेरा खुला चेलेंज है ,,इस शख्सियत में एक ऐब भी आप प्रमाणित करके निकाल दोगे ,,तो आपका जूता ,,मेरा सर होगा ,,और में उफ़ तक न करूँगा ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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