तुम्हे पता है
साल का आज
छोटा सा ,,
मुन्ना सा दिन है ,,
तुम्हे पता है ,,
साल की आज
बढ़ी सबसे बढ़ी ,,
ठिठुरती रात है ,,
तुम
यह भी जान लो
इस छोटे से दिन
इस बढ़ी रात में
सिर्फ तुम
सिर्फ तुम्हारी यादे
सिर्फ
तुम्हारा ही
इन्तिज़ार है ,,,अख्तर
साल का आज
छोटा सा ,,
मुन्ना सा दिन है ,,
तुम्हे पता है ,,
साल की आज
बढ़ी सबसे बढ़ी ,,
ठिठुरती रात है ,,
तुम
यह भी जान लो
इस छोटे से दिन
इस बढ़ी रात में
सिर्फ तुम
सिर्फ तुम्हारी यादे
सिर्फ
तुम्हारा ही
इन्तिज़ार है ,,,अख्तर
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