भाई आज दिल थाम के रहना ,,रात को फिर धमाकेदार मन की बात होगी ,,मदारी
साहिब का खेल होगा ,,डमरू बजेगा ,,भीड़ एकत्रित होगी ,,मंजन बिकेगा ,,,भांड
भांड गिरी करेंगे ,,लेकिन खोदेंगे पहाड़ निकलेगी चुहिया ,,,और प्रतिपक्ष के
चूहे भी ,,ब्लेकमेलिंग के डर से प्रतीकात्मक विरोध कर बिलों में घुस जाएंगे
,,,इधर जनता की सहने की आदत है ,,झूँठ सुनने ,, सब्ज़ बाग़ देखने की आदत है
,,,लाइन में लगने ,,बोझ ढोने ,,नारे लगाने ,,झंडे उठाने ,,ज़िंदाबाद कहकर
,,चुप मुंह उल्लुओं के पीछे घूमने की आदत है ,,कुछ नहीं बदला
,,कुछ नहीं बदलेगा ,,बस अब सियासी ,,सरकारी खरीद फरोख्त होगी ,,,बहनो
,,भाइयो ,,माताओं होगा ,,आस्तीन चढाई जाएंगी ,,हमे बोलने नहीं दिया ,,संसद
चलने नहीं दी ,,तू चोर में सिपाही ,,तो चोर में सिपाही ,,,के खेल होंगे और
जनता पिसती रहेगी क्योंकि ,यह सीरिया ,,रशिया ,,या जांबाजों का देश तो
रहा नहीं ,,जहाँ सच के लिए लोग सड़को पर आते है ,,आंदोलन करते है ,,,सड़के
भीड़ से अट जाती है और झूंठे शासको को घर बिठा दिया जाता है ,,या फिर सड़को
पर दौड़ा कर पीटा जाता है ,,इसलिए बर्दाश्त करो ,,,सिर्फ चुनाव के वक़्त
,,मर्द बनते है ,,,वोह भी कुछ तो प्रभावित होते है ,,कुछ बिकते है
,,खुद्दारी और खुद का दिमाग काम कम ही लेते है ,,,कुछ वोट देते है ,,तो
आखरी वक़्त में बदल जाते है ,,कुछ वोट देते ही नहीं और कुछ का नाम वोटर
लिस्ट में चुनाव आयोग लिखता ही नहीं ,,,कुछ ऐसे है जो खुद चुनाव आयोग के
पास ,,वोटर लिस्ट में नाम लिखवाने जाते ही नहीं ,,ज़रा दिल पर हाथ रखो
,,अन्तरातात्मा को जगाओ ,,मेरे भाइयो सच को समझो ,,,झूँठ ,,फरेब ,,झूंठे
वायदे ,,झूंठी पार्टियों का मुक़ाबला करो ,,उठो यह देश इन क़ातिलों
,,भ्रस्टाचारीयो जनता का खून चूसने वालों के हवाले मत करो ,,तुम खुद
चोकीदार बनो ,,गिरेहबान पकड़ो ,,बेईमानो का ,,झूंठे और मक्कारों का ,,वायदों
का जवाब लो ,,ललकारो ऐसे झूंठे लोगो को ,,जो झूँठ बेचते है ,,सड़को पर घेरो
ऐसे पत्रकारों को जो झूँठ बेचते है ,,झूँठ दिखाते है ,,, सड़को पर मुर्गा
बनाओ ऐसे लोगो को जो विधायक है ,,सांसद है ,,राज्यसभा में है लेकिन जनहित
के एक सवाल भी विधानसभा या फिर लोकसभा में नहीं उठाते ,,करोडो रूपये साल
खर्च खुद पर ,,तनख्वाह पर खर्च करते है ,,बिरयानी ,,मुर्गा सभी एक रूपये
में खाते है और हम पर ही दनदनाते है ,,,भूल जाओ ऐसे भाई साहबो को जो हर काम
के लिए बेवजह चक्कर कटाते है ,,उनके घरो पर जाना बन्द करो ,,उन्हें स्टेशन
पर लाना ,,लेजाना बन्द करो ,,ऐसे लोगो का स्वागत सत्कार की जगह दुत्कार
कार्यक्रम आयोजित करो ,,देश सुधारो ,,देश के लोगो को सुधारो ,,इस लोकतंत्र
के तुम रक्षक हो इसे मिलजुल कर बचा लो यार ,,वरना यह नेता तो आरोप ,,आरोप
का खेल खेलेंगे ,,सालों निकाल देंगे ,,पांच साल तेरे ,,पांच साल मेरे ,,बस
जनता को मुर्ख बनाएंगे ,,इसलिए कहता हूँ उठो ,,अपना हक़ लो ,ऐसे लोगो के
गिरेहबान पर हाथ डालों ,,चमचे गुलाम मत बनो ,,देश की सोचो ,,जो देशहित में
है सिर्फ उसे ज़िंदाबाद करो ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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