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07 दिसंबर 2016

काश ,,ईद मिलादुन्नबी कार्यक्रमो के वक़्त ,,

काश ,,ईद मिलादुन्नबी कार्यक्रमो के वक़्त ,,हुज़ूर स अ व ,,की महफ़िलो से ,,निहत्थे मुसलमानो के क़ातिल दूर रहे ,,काश हमारे आलिम इस सच को समझ ले ,,काश सियासत में ,,क़ातिलों को शामिल न करे ,,काश अल्लाह इन लोगो को ऐसा सबक़ सिखा दे ,,काश एक सन्देश ,,पुरे देश में चला जाए ,,काश निहत्थे मुसलमानो के क़ातिलों को बायकाट कर सबक़ सिखा दिया जाए ,,,काश इनके कृत्यों की सार्वजनिक तोबा किये बगेर ,,कोई मुस्लिम इनके साथ न जुड़े ,,काश यह इत्तेहाद,,यह जज़्बा हमारे ,,मोलवी ,,मौलाना और मुसलमानो में पैदा हो जाए ,,काश हम सही क़ातिलों पे उँगलियाँ उठा सके ,,केवल मोहरो को इसका मुल्ज़िम बनाकर मुखिया को नहीं बचाये ,,,काश हम इस मामले में निर्दोषो को भी बदनाम करने से बच जाए ,,काश इस नेकी की दावत के महीने में ,,हुज़ूर की महफ़िलो में इबादत के साथ सियासत से हम बच जाए ,,काश ,,काश ऐसा हो जाए ,,काश ऐसी दुआ क़ुबूल हो जाए ,,काश हुज़ूर स अ व की हर महफ़िल में बेहिसाब इस्लामिक लोग शामिल होकर महफ़िलो में हुज़ूर की सीरत ,,उनके सन्देश को सीखकर ,, दुनिया में पैगाम ऐ अमल के साथ शामिल हो जाए ,,काश ऐसा हो जाए ,,काश ,,हुज़ूर स अ व की महफ़िलो के नाम पर मुस्लिमो को ठगा न जाए ,,,,काश हुजूऱ स अ व ,, महफ़िल सजाने वाले हर शख्स को अल्लाह इज़्ज़त ,,शोहरत ,,धन दौलत ,,ओहदों से नवाज़े ,,काश ,,,अख्तर

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