कितने
शर्म की बात है ,,,सम्पूर्ण बहुमत से भी ज़्यादा बहुमत होने पर ,,लोकतंत्र
की मर्यादा भंग कर प्रतिपक्ष लोकसभा नेता नहीं बनाने पर भी ,,एक कमज़ोर
प्रधानमंत्री ,,जिसके कार्यकाल में न जनता सुरक्षित है ,,न यहां का रुपया
सुरक्षित है ,,,न सीमाएं सुरक्षित है ,,आम आदमी की छोडो ,,सेनिको के शिविर
भी सुरक्षित नहीं है ,,वोह लोकसभा में जा नहीं पा रहे ,,वोह कहते है
,,उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा है ,,इसलिए वोह जनता के पास चुनावी जनसभाओ
में अपने मन की बात कह रहे है ,,एक कहते है मुझे बोलने
दिया गया ,,में बोलूंगा तो भूकम्प आ जाएगा ,,,लेकिन वोह लोकसभा में तो
क्या वोह भूकम्प जिस बात से आएगा ,,जनता के बीच जनसभा में भी नहीं बोलते है
,,देश की यह जनता अनाथ हो गयी है ,,जिसे पक्ष समझ कर जसके हाथो में देश की
कमान दी वोह कमज़र्फ़ ,,कमज़ोर निकला ,,बेगाना निकला ,,उसे घर गृहस्थी का
अनुभव न था ,,इसलिए आम आदमी को बेघर कर ,,लाइन में लगा दिया ,,डिजिटल
इंडिया के नाम सिर्फ एक मित्र उद्योगपति को सब कुछ देने के लिए ,,केशलेस
इण्डिया ,,,की हास्यास्पद बात की ज़िद पकड़े बैठे है ,,जिन्हें वोट नहीं दिया
,, जिन्हें देश चलाने का अनुभव था ,,उन्हें ऐसा खुल्ला छोड़ दिया जो देश के
लिए देश की बात ,,,सरकार के भ्रष्टाचार ,,,,तीस हज़ार करोड़ रुपुये के गलत
नॉट छापने जैसे मामले नहीं उठा पा रहा है ,,इस देश और इस देश की जनता का तो
पहले भी भगवान मालिक था ,,आज भी भगवान मालिक है ,,इस देश में गधे पँजीरी
खा रही है ,,यह कहावत कल भी प्रासंगिक थी ,,आज भी यह कहावत सार्थक रूप से
चरितार्थ हो रही है ,,,,,,,अख्तर
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