एक इमरान ,,मज़लूम इमरान ,,जिसे ,,किशोरपुरा कोटा पुलिस के,, थानाधिकारी ने
खुद के घर ,,,चोरी के शक में पकड़ा ,,नाजायज़ हिरासत में रखा ,,खूब मारा ,,,
खूब पीटा ,,परिवार और मासूम बच्ची पर ज़ुल्म किये ,,इमरान की बीवी जो कच्ची
डिलेवरी के बाद बीमार थी ,,निवली बोर्न बेटे की मोत हो गयी थी ,,सदमे में
थी ,,उसे भी थाने में पीटा गया ,,प्रताड़ित किया गया ,,इस पिटाई के सदमे से
इमरान की बीवी की मोत हो गयी ,,इमरान को अपनों ने भी मारा ,,गेरो ने भी
मारा ,,उसके पाने समाज के ,,उसके गांव के पुलिसकर्मियों ने भी स्पेशल होने
से स्पेशल तरीके से थर्ड डिग्री का इस्तेमाल किया ,,बस बीवी की मोत होने
,,किशरोपुरा थाने के बाहर ,,शव रखकर प्रदर्शन करने के बाद अचानक ऐसा कोनसा
जादू चला ,,जो इमरान और उसके घरवाले ,,मृतका का तात्कालिक पोस्टमार्टम
करवाने से इंकार करते रहे ,,हिम्मत सिंह कोंग्रेस लीडर ,,खुद मेने सम्पर्क
किया ,,लेकिन सब खामोश ,,दूसरे दिन इमरान ,,गुस्से में आया ,,खुद की चोटो
और बीवी के हत्यारो को सज़ा दिलवाने के लिए जिसने जो कहा वोह करने को तैयार
रहा ,,आई जी के यहां पेश हुए ,,आई जी ने मुक़दमा दर्ज करने और दोषी लोगो को
हटाने का वचन दिया ,,आई जी को दिए गए ड्राफ्ट और बाद में पुलिस अधीक्षक को
दिए गए ड्राफ्ट में फ़र्क़ हो गया ,,एफ आई आर हुई लेकिन पहले दिए गए दूसरे
ड्राफ्ट की ,,जाँच तुरत फुरत हुई ,,मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लिया
,,ह्यूमन रिलीफ सोसाइटी के महासचिव की हैसियत से मेरी शिकायत पर संज्ञान
लिया गया ,,मुक़दमा दर्ज कर कार्यवाही शुरू की गयी ,,,जिन लोगो ने सी आई के
साथ मिलकर इमरान को बेरहमी से बारी बारी से मारा था ,,,उनके नाम न जाने
क्यों किस खोफ से अब तक नहीं लिखवाये गए है ,,,प्रथम द्रष्टया मामला
नाजायज़ हिरासत में रख कर बेरहमी से पीट पीट कर अपराध की संस्वीकृति कराने
का मामला होने पर भी साधारण धाराओ में मुक़दमा दर्ज किया गया ,,,एक अपराधी
आज भी किशोरपुरा थाने मे रोज़ मौजूद रहता है ,,,,इमरान के समाज के
पुलिसकर्मियों को अभी तक मुल्ज़िम सूचि में नहीं जोड़ा है ,,सी आई और दूसरे
पुलिसकर्मियों को ,,प्राथमिक जांच के बाद निलम्बित करना था जो अभी तक नहीं
किया गया है ,,,वैसे तो कोटा के समाचार पत्र ,,खासकर भास्कर ,,पत्रिका ने
इस मामले में निष्पक्ष रिपोर्टिंग की है ,,भास्कर ने तो फॉलोअप लगातार दिया
है ,,लेकिन आज तक इमरान को न सरकारी ख़ज़ाने से पुलिस उत्पीडन होने पर
,,,उसकी पत्नी की म्रत्यु होने पर कोई क्षतिपूर्ति राशि सरकार या प्रशासन
की तरफ से मिली है ,,न ही अपराधी लोग गिरफ्तार हुए है न ही उन्हें अब तक
निलम्बित किया गया है ,,म्रतक पत्नी ,,का शव निकालकर पोस्टमार्टम तो किया
गया है ,,,लेकिन नतीजा नहीं आया है ,,,खेर एक अदालत जो क़ुदरत की अदालत है
वोह सब देखती है और मज़लूम को कितना ही दबा दिया जाए ,,कितनी ही दलाली कर
मज़लूम से इन्साफ छीन लिया जाए ,रिश्तेदारी बताकर ,,मज़लूम को भटकाकर कुछ
लोगो को बचा लिया जाए ,,तो भी खुदा की अदालत में इन्साफ होता है ,,वहां
देर है अंधेर नहीं ,,इसलिए जालिमो को तैयार रहना चाहिए एक बढ़े इन्साफ के
लिए जहाँ कोई दलाली ,,कोई सिफारिश ,,कोई मांडोली नहीं चलेगी ,,,,,अख्तर खान
अकेला कोटा राजस्थान
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