कुल्लू नफसून ज़ायक़ातुल मौत ,,,, हर इंसान को मोत का मज़ा चखना है
,,फिर मोत से केसा डर ,,फिर ज़िन्दगी से केसी यारी ,,कब ज़िन्दगी की सुबह शाम
में बदल जाए ,,किसे खबर ,,इसी लिए कहते है ,,लो दोस्तों आज ,,मुझ से हुई
गलतिया ,,मुझ से हुई खताओं ,,मेरी गुस्ताखियों के लिए मुझे माफ़ फरमा दो
,,,अख्तर
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