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21 अक्तूबर 2016

कोर्ट में वकील जोर से बोले, चीफ जस्टिस ने कहा - शटअप! यह मछली बाजार नहीं है

 कोर्ट में वकील जोर से बोले, चीफ जस्टिस ने कहा - शटअप! यह मछली बाजार नहीं है
  • वकील के तेज आवाज में दलील रखने से जस्टिस ठाकुर नाराज हो गए।
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर एक मामले की सुनवाई कर रहे थे। इसी दौरान एक एडवोकेट के तेज आवाज में दलील रखने से वह नाराज हो गए। बोले, ‘एडवोकेट साहब चुप रहिए। यह कोई मछली मार्केट नहीं है जो आप चिल्ला रहे हैं। यह देश की सबसे बड़ी अदालत है। आपने चिल्लाना बंद नहीं किया तो मुझे मजबूरन आपको कोर्ट से बाहर निकलवाना पड़ेगा। आपने मजाक बना दिया है अदालत का। इस तरह चिल्लाने से अदालत आपकी बात मान लेगी। अगर आप ऐसा सोचते हैं तो गलत हैं।’ गुस्से में देख दूसरे एडवोकेटथे हैरान, पढ़िए पूरा मामला...
- बता दें कि ज्यादा वर्कलोड के बावजूद कोर्ट में बेहद शालीनता से बात करने वाले चीफ जस्टिस के गुस्से को देखकर वहां मौजूद दूसरे एडवोकेट भी हैरान थे। हालांकि बाद में एडवोकेट द्वारा गलती मानने पर वे शांत हो गए।
- दरअसल, हुआ यूं कि सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव की बेंच के सामने सीनियर एडवोकेट इंद्रा जयसिंह ने एक रिट दायर की।
- जिसमें उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा वकीलों को सीनियर एडवोकेट डेजिग्नेशन देने की प्रोसेस ठीक नहीं है। इसमें काफी खामियां हैं, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए।
वकील ने मांगा पांच मिनट का वक्त, तेज आवाज में पेश की दलीलें
- इस रिट पर सुनवाई के बाद लंच के लिए चीफ जस्टिस उठने ही वाले थे कि मुंबई से आए एक एडवोकेट ने उनसे इस मामले में पांच मिनट बोलने की परमिशन मांगी।
- कोर्ट ने उन्हें परमिशन दे दी, इसके बाद वकील ने तेज आवाज में अपनी दलीलें पेश करनी शुरू कर दीं। और सिस्टम की खामियां गिनाने लगे।
- कुछ देर तक तो चीफ जस्टिस ने सुना, मगर जब एडवोकेट की आवाज धीमी नहीं हुई तो उन्हें डांट लगा दी।
- चीफ जस्टिस ने एडवोकेट से पूछा, क्या आप इस रिट से जुड़े हैं? इस पर एडवोकेट ने कहा कि नहीं। यह सुनते ही वह और गुस्से में आ गए।
वकील को लगाई फटकार
- उन्होंने एडवोकेट को फटकार लगाते हुए कहा ‘आपने मामले में खुद को पक्षकार बनाने के लिए रिट तक नहीं लगाई है और यहां चिल्ला-चिल्लाकर दलीलें देकर अदालत का समय बर्बाद कर रहे हैं।
- आप क्या सोचते हैं कि चिल्लाने से आपको सीनियर एडवोकेट का डेजिग्नेशन मिल जाएगा?’ एडवोकेट ने फिर तेज आवाज में कहा कि वह अर्जी दायर कर देंगे।
- इस पर चीफ जस्टिस ने फटकार लगाते हुए कहा ‘ऐसे में तो मैं आपकी दलील कतई नहीं सुनूंगा। अगर आपका यही रवैया रहेगा तो आपकी दायर अपील भी खारिज कर दी जाएगी।’
- इस पर एडवोकेट ने माफी मांग ली। बाद में इस घटना पर चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर ने अफसोस जताया।

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