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10 फ़रवरी 2016

राजस्थान में स्मार्ट सिटी से बाहर कोटा शहर ,,

राजस्थान में स्मार्ट सिटी से बाहर कोटा शहर ,, शिक्षा नगरी कोटा शहर ,,पानी ,,बिजली की नगरी कोटा शहर ,,राजस्थान में ,,केंद्र में भाजपा सरकार की उपेक्षा का एक मात्र उदाहरण कोटा शहर ,,इस शहर की एक दलित ,,मुस्लिम बस्ती ,,,आदर्श नगर ,बंजारा बस्ती ,,किशोरपुरा कोटा ,,जहां भाजपा ,,कांग्रेस दोनों के पार्षद प्रत्याक्षी ज़बरदस्त हार के बाद गुमशुदा है ,,इस क्षेत्र की विधानसभा और लोकसभा पर भाजपा का क़ब्ज़ा है ,,यहां प्रतिपक्ष नाज़ुक है ,,कमज़ोर है ,,प्रत्याक्षी तो थे ,,लेकिन इस बस्ती के दुःख दर्द से लापता है ,,,,,,कई सालों से पक्के मकानो में रह रहे लोगों को सुबह सवेरे जगाया जाता है ,,पुलिस के बल पर घर से खदेड़ा जाता है ,,,,उनके मकान तोड़े जाते है ,,छोटे छोटे मासूम बच्चो को रोता बिलखता ,,घरो से बेघर कर अमानवीय हरकत की जाती है ,,लेकिन दोस्तों ,,क्षेत्र के लोगों के अलावा इस बस्ती को बचाने के लिए कोई भी दल का नेता दिल से सामने नहीं आता है ,,आंसू पोंछना ,,नौटंकी करना ,,सियासत करना तो सभी को आता है ,,लेकिन बस्ती वासियो के साथ उन्हें घर दिलाने की इस लड़ाई में की भी खड़ा नज़र नहीं आता है ,,एक अदद चहैता पार्षद जो बस्ती वासियो के सुख दुःख में मर मिटने कको तय्यार था ,,वोह मोहम्मद हुसेन पुलिस ज़ुल्म और गुमराही वाली कहानी के कारण जेल में इन लोगों के दुःख दर्द को सुनकर कसमसा रहे थे ,,,,जो लोग बाहर थे वोह लोग कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करने की जगह नगरनिगम क्षेत्र को अपनी रणभूमि बना रहे थे ,,,,सर्वे पहले हुए ,,मकान टूटने की योजना पहले बनी ,,,बस्तियां उजाड़ने का टास्क हुआ ,,यह बहुत पहले से चेता दिया गया ,,,,प्रदर्शन भी हुए ,,अखबारबाज़ी भी हुई ,,लेकिन फिर भी बस्ती तो नहीं बची ,,पक्की बस्ती ,,पक्के मकान नहीं बचे ,,लोगों के आशियाने तबाह कर दिए गए ,,,,,,बस्ती में प्रतिपक्ष का कोई भी पूर्व मंत्री कोई भी वरिष्ठ नेता सिर्फ पंकज मेहता को छोड़कर आंसू बहाने नहीं पहुंचा ,,जो गए उन्होंने इस दलित मुस्लिम बस्ती के स्थाई समाधान के लिए कोई कार्ययोजना तैयार नहीं की ,,,मोहम्मद हुसेन पार्षद की ज़मानत के बाद इस बस्ती के लोगों के चेहरे खिल उठे ,,बस्ती के लोग कल पहली बार कलेक्ट्रेट पर अपने मायूस चेहरों के साथ तबाही के खिलाफ आवाज़ उठाने गए थे ,,जिन्हे वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इण्डिया का भी समर्थन था ,,बस्ती वासियो को महात्मा गांधी के अपमान के खिलाफ दिए जाने वाले धरने का मंच मिला ,,स्थान मिला ,,,,वहां उपस्थित सेकड़ो बस्ती की तबाही की गवाही के लोग इन्साफ मांग रहे थे , ,अचानक पूर्व मंत्री महात्मा गांधी की प्रतिमा तोड़ने के खिलाफ धरने की अगुवाई में पहुंचते है ,,बस्ती के सभी लोगों को वोह आश्वस्त करते है ,,,आंदोलन का समर्थन करते है ,,बस्ती उजाड़ने पर अफ़सोस जताते है नतीजा धरने को चार सो पांच सो बस्ती वालों की भीड़ बोनस में मिल जाती है ,,,बस्ती वासी ,, खुश हो जाते है ,,,लेकिन दोस्तों बस्ती को अभी इंसाफ नहीं मिला है ,,अभी बस्ती के कुछ इलाक़ो में ,,कुछ पक्के मकानो पर खतरा मंडरा रहा है ,,बस्ती वाले तो बेबस ,,,लाचार ,,,ना समझ है ,,लेकिन पार्टियां सियासी पार्टियां तो समझदार है ,,ओ लोग इस क्षेत्र से चुनाव लड़े है ,,जो लोग इस क्षेत्र के हमदर्द है वोह लोग नज़दीक निवासित सांसद ,,,नज़दीक विधायक के कार्यालय पर एक साथ जाकर अपना दर्द बता सकते है ,,,अपने दस्तावेजी सुबूतों के साथ कलेक्टर कोटा को याचिका लगाकर ,,इन्साफ नहीं मिलने पर ,,हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटा सकते है ,,,पुनर्वास की मांग दोहरा सकते है ,,टूटे हुए निर्माण की क्षतिपूर्ति के लिए संघर्ष कर सकते है ,,,कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग इस दलित ,,अल्पसंख्यक बस्ती के हर दर्द में शामिल है ,,हर लड़ाई में साथी है ,,,बस्ती वालों की किसी भी तरह की क़ानूनी लड़ाई के लिए मुफ्त विधिक सहायता उपलब्ध कराने को तत्पर है ,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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