आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

22 अक्तूबर 2015

में तो रावण का पुतला हूँ

में तो रावण का पुतला हूँ बेईमानो के हाथो जल गया ,,,तुम ही बताओ मुझे यूँ जलाने से क्या अब ,,बलात्कार ,,व्यभिचार ,,भ्रष्टाचार ,,मुनाफाखोरी ,,ठगी ,,बेईमानी ,,नफरत ,,हिंसा ,, ज़िंदा जलाने ,,निहत्थे निर्दोषो को मारने ,,,की घटनाये नहीं होंगी ,,क्या यह घटनाये बंद हो जाएंगी ,,अरे दीवानो क्यों बेवक़ूब बनते हु ,,क्यों दूसरों को बेवक़ूफ़ बनाते है ,,,,खुद के अंदर का रावण मारो ,,,,खुद के अंदर तो रावण रखते हो और दिखावा राम बनने का करते हो ,,फिर भी शर्म तुम को नहीं आती ,,मुझे जला कर ,,खुद जश्न मनाते हो ,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...